पाकिस्तान के कराची में 22 मई को हुए प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गई। रिपोर्ट पेश करते हुए एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने कहा- एयरक्राफ्ट में कोई टेक्निकल फॉल्ट नहीं था। क्रैश के लिए पायलट, केबिन क्रू और एटीसी जिम्मेदार हैं। क्रैश के पहले पायलट कोरोनावायरस पर चर्चा कर रहे थे। इसकी रिकॉर्डिंग हमारे पास है।कराची प्लेन क्रैश में 8 केबिन क्रू समेत 97 लोग मारे गए थे। 2 लोग बच गए थे।
सरवर ने पाकिस्तान एयरलाइंस (पीआईए) पर हैरान करने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा- हमारी सरकारी एयरलाइंस में 40% पायलट के पास फर्जी लाइसेंस हैं।
ओवर कॉन्फिडेंट थे पायलट- रिपोर्ट
सरवर ने कहा, “पायलट ओवर कॉन्फिडेंट थे। उन्होंने एयरक्राफ्ट पर ध्यान नहीं दिया। एटीसी ने उनसे प्लेन की ऊंचाई बढ़ाने को कहा। जवाब में एक पायलट ने कहा कि वो सब संभाल लेगा। पूरी फ्लाइट के दौरान दोनों पायलट कोरोनावायरस से परिवार को बचाने के बारे में बातचीत करते रहे।”
प्लेन ने तीन बार रनवे को छुआ था
जांच की शुरुआती रिपोर्ट पेश करते हुए सरवर ने आगे कहा, “हादसे के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। पायलट्स ने तीन बार लैंडिंग गियर खोले बिना उतरने की कोशिश की। इससे प्लेन के इंजिन खराब हो गए। बाद में एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। हमारे पास पायलट्स और एटीसी की बातचीत का पूरा रिकॉर्ड है। मैंने खुद ये सुना है।”
पायलटों की भर्ती में सियासी दखल
सरवर ने पीआईए के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया। कहा, “हमारी सरकारी एयरलाइंस में 40% पायलट ऐसे हैं जो फर्जी लाइसेंस से एयरक्राफ्ट उड़ा रहे हैं। इन लोगों ने न तो कभी एग्जाम दिया और न इनके पास फ्लाइंग एक्सपीरिएंस है। इनकी भर्ती में सियासी दखलंदाजी होती है। 4 पायलट्स की तो डिग्री भी जाली पाई गईं हैं।”
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