गलवान में हिंसक झड़प और डोकलाम विवाद के पीछे एक ही चीनी अफसर का हाथ था। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने मंगलवार को दावा किया कि 15 जून को गलवान घाटी में चल रही बातचीत के दौरान चीन के कमांडर झाओ जोंग्की ने ही भारतीय जवानों पर जवानों पर हमले का आदेश दिया था।
एजेंसियों ने बताया कि झाओ ही 2017 में डोकलाम विवाद के वक्त भी चीनी सेना का कमांडर था।उसी की वजह से विवाद बढ़ा।

वेस्टर्न थिएटर कमांड का जनरल है झाओ
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- जनरल झाओ चीनी सेना की वेस्टर्न थिएटर कमांड को लीड करता है। वो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए या चीनी सेना) के सबसे सीनियर कमांडर्स में से एक है। इस कमांडर का मानना है कि चीन को अमेरिका और भारत के रिश्तों की वजह से दबाव में आने की जरूरत नहीं है। वो भारत को सबक सिखाना चाहता था। हालांकि, इस बार झाओ का दांव उल्टा पड़ गया। झाओ ने 2016 में तब के आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग से भी मुलाकात की थी।


भारत को चेतावनी देना चाहता था चीन
रिपोर्ट के मुताबिक- चीन की मंशा भारत को अपनी ताकत का अहसास कराने की थी। लेकिन, मामला हाथ से निकल गया और हिंसक झड़प हो गई। अब भारत में चीन के खिलाफ गुस्सा है। भविष्य में दोनों देशों के बीच बातचीत पहले जैसी आसान नहीं रहेगी। अमेरिका और भारत अब और ज्यादा करीब आएंगे। अमेरिका ने कई महीनों पहले भारत को चेताया था कि वो 5जी नेटवर्क तैयार करने में चीन की कंपनी हुबेई की मदद न ले। 15 जून की घटना के बाद भारतीय टिकटॉक जैसे ऐप हटा रहे हैं। चीनी हैंडसेट के इस्तेमाल से बच रहे हैं।

उल्टी पड़ गई चाल
एक सूत्र के मुताबिक, “चीन जो चाहता था, वैसा नहीं हुआ और दांव उल्टा पड़ गया। यह चीन की सेना की भी जीत नहीं है।” रिपोर्ट में कहा गया है- ये दावा तो नहीं किया जा सकता कि राष्ट्रपति इस मामले में किस हद तक शामिल हैं। लेकिन, इतना तय है कि उन्हें चीनी सेना को दिए आदेश की जानकारी जरूर रही होगी। प्राईवेट जियो इंटेलिजेंस फर्म हॉकआई 360 ने मई के आखिर में बताया था चीन लद्दाख में सैनिक और हथियार जमा कर रहा है।




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